एक बात इन दिनों बहुत सुन रहा हूँ कि काहे के #अन्नदाता… हम तो खरीद के खाते हैं, वो अन्नदाता हैं तो...
इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछली सरकारों के एवज में यह सरकार किसानों को बहुत बड़े बड़े फायदे दे रही थी।...
हमें यह समझाया गया है कि कंपनियाँ हमारी दुश्मन हैं और सरकारें हमारी मददगार… इस पैरासाइट मानसिकता से निकलने की जरूरत है....
कल कुछ सुझाव देखने को मिले… एक सुझाव था कि फसल का न्यूनतम मूल्य फिक्स कर दिया जाए जिससे किसानों का शोषण...