सबका सबका सबका… कब जानेंगे हम कि सब हमारे हैं ही नहीं, न थे और न कभी होंगे!!!! फिर ये नौटंकी क्यों?...
तटस्थ होकर मत देखिये, बीड़ा उठाइये, संकल्प लीजिए कि मुझे भारत को हिंदुराष्ट्र करना है । तटस्थ होकर सभी देखतें हैं ।...
आज पढ़ रहा था किसी मित्र ने लिखा हमारे घरों की छतों पर तुलसी के पौधे, चिड़ियों के लिए पानी, चिड़ियों को...
कई लोगों ने बलात्कार की घटनाओं के प्रतिकार के लिए कई सुझाव दिए। पब्लिकली फाँसी देने से लेकर लड़कियों को मार्शल आर्ट्स...