किसी ने सही कहा है कि हिजड़े वो नहीं जो सड़क पर नाचकर पैसे माँगते हैं। हिजड़े वो हैं जो अपने पुरखों...
सबका सबका सबका… कब जानेंगे हम कि सब हमारे हैं ही नहीं, न थे और न कभी होंगे!!!! फिर ये नौटंकी क्यों?...
बड़े दुःख के साथ स्वीकार करना पड़ रहा है कि इस देश का मानसिक धर्म परिवर्तन सफलता पूर्वक किया जा चुका है...