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हिन्दू धर्म के पतन के कारण और निवारण

सभी राष्ट्रवादी, सनातनी हिन्दू ध्यान से पढ़ें, समझें, जीवन में उतारें और अधिक से अधिक शेयर भी करें:-

जो गलती को ठीक कर ले, उसे ही मनुष्य कहते हैं ।

हिन्दुओं के सभी प्रमुख गुणों को मुसलमान, ईसाई और बौद्धो ने अपनाया और संसार में छा गए परन्तु हिन्दू इन्हें त्याग कर बर्बाद होने के कगार पर पहुँच चुका है ।

1) हिन्दू यज्ञोपवीत, उपनयन या जनेऊ करवाकर सात से ग्यारह वर्ष के बच्चों को गुरुकुल भेजते थे जिससे नींव पड़ती थी अब पूर्णरूप से बंद है ।

दूसरी तरफ मुसलमान और ईसाई नियम से मदरसा व् मिशन स्कूल में पहले धर्म की शिक्षा देते है | मदरसे, मिशनरी स्कूल हजारों लाखों की संख्या मे खुल गए, गुरुकुल बंद हो गए या उपेक्षा के शिकार हो गए । हिन्दूओं के बच्चे भी उसी मे शौक से जा रहे है और सेकुलरों की संख्या तेजी से बढ रही है।

2) प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी के लिए अनिवार्य गायत्री महामंत्र की त्रिकाल संध्या (सुबह, दोपहर, शाम तीनों समय जप ध्यान) समाप्त ।

दूसरी तरफ मुसलमानो के पाँच वक्त की नमाज और ईसाइयों की रोज की प्रेयर शुरू ।

3) सप्ताह में कम से कम एक दिन, पूजा, सत्संग, संगठन के लिए मंदिर जाना बंद ।

दूसरी तरफ मुस्लमान जुमे के दिन नमाज मस्जिद में, ईसाई Sunday prayer चर्च मे शुरू ।

4) साधू संत, गुरु जनो का आदर बंद (हिन्दू अब अपने साधू संतो का अपमान खुले आम करते है)

दूसरी तरफ मुस्लिम अपने मौलवी, ईसाई अपने पादरी को भरपूर सम्मान देता है ।

5) घरेलू समारोहों में धर्म चर्चा बंद (केवल रटी-रटायी कथा, अखंड पाठ या कीर्तन)

दूसरी तरफ मुसलमानो के मौलाना की मिलाद (सत्संग) और पादरी का प्रवचन नियम से होते है ।

6) देवता, धर्म गुरु का अपमान होने पर जुबान खींच लेना, बंद कर लेना।

दूसरी तरफ मुसलमानो का ईश निंदा कानून । धर्म विरुद्ध एक भी बात बर्दाश्त नही ।

7) धर्म और साम्राज्य विस्तार के लिए अश्वमेध यज्ञ से पूरी पृथ्वी पर साम्राज्य विस्तार का लक्ष्य समाप्त ।

दूसरी तरफ मुसलमानो ने धर्म और राजनीति को जोडकर दारुल इस्लाम और ईसाइयो ने पूरे संसार को इसाई बनाने का काम युद्ध स्तर पर प्रारम्भ कर दिया ।

8) पिछले 67 वर्षों में, विद्यालयों में हिन्दू विरोधी पाठ्यक्रम द्वारा शिक्षा से हिन्दुओं को सेकुलर बना दिया ।

दूसरी तरफ मुस्लिम अल्पसंख्यक के नाम पर भरपूर सरकारी अनुदान देकर उनकी धार्मिक शिक्षा को बढावा देकर और कट्टर बना दिया ।

इसीलिए संसार में हिन्दुओं का एक भी देश नहीं, दूसरी तरफ मुसलामानों के 56 देश और ईसाईयो के विश्व में 150 से अधिक देश हैं ।

इसलिए हिन्दू एकता के लिए एक ही रास्ता बचा है :- जडों की ओर लौटें क्योंकि जड़ें सूख गई हैं । सनातन धर्म के मजबूत आधार ये हैं : गायत्री, यज्ञ, गीता, गंगा, गौमाता, ज्योतिर्विद्या (जन्म कुंडली) जिसे वेदों का नेत्र कहा गया है और सद्गुरु । इन्हें अपनाने से भाग्य की उन्नति होती है और दुर्भाग्य का शमन होता है । आज 99% हिन्दू ये नहीं करते इसीलिए पतन के गर्त में पहुँच गए है ।

अतः आज से ही सनातन धर्म के इन सिद्धांतो का पालन करना शुरू कर दे क्योंकि धर्म आचरण करने पर ही ईश्वर रक्षा करता है, धन जन से भरपूर बनाता और विपत्ति हरता है।

जय माँ आदि शक्ति गायत्री, जय सनातन धर्म।

– ओंकार नाथ शर्मा ‘श्रद्धानंद’

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