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सुशील पंडित

सुशील पंडित वह कश्मीरी हैं जिन्होंने 2014 से पहले भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए अंधाधुंध बैटिंग की थी…सुशील पंडित उन्ही कश्मीरी हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं,जिन्हें हत्या, बलात्कार और लूटपाट कर घाटी से जबरिया बाहर फेक, टेंटों में रहने के लिए मजबूर कर दिया गया था…लाखों कश्मीरी इस उम्मीद पर ज़िंदा थे कि राष्ट्रवादी सरकार आएगी ,शायद कुछ हजार को घाटी में अपना आशियाना वापस मिले… अंतिम संस्कार, कश्यप ऋषि की भूमि कश्मीर में हो…मग़र आज सुशील पंडित को रुंधे कंठ से यह कहते सुना कि ” भाजपा सरकार यदि 2019 में जाएगी तो कश्मीर और पाकिस्तान के आतंकियों के सामने आत्मसमर्पण की वजह से जाएगी “…साथ मे बैठे मेजर जनरल बक्शी ने भी सुशील पंडित की बात का समर्थन किया…मेरे जैसे नाचीज़ को यह लिखते हुए 3 वर्ष हो चुके हैं…
जैसा कि आपको पता होगा…एक CRPF की जिप्सी, जिसमे CRPF के जवान (ड्राइवर) के साथ असिस्टेंट कमांडेंट ए के यादव मौजूद थे…गलत मोड़ काट कर जामिया मस्जिद नौहट्टा के सामने आ गई…उस वक्त नमाज़ खत्म हुई थी सैकड़ों कश्मीरी लफंगे (हाँ ,लफंगे ही लिखूंगा) मौजूद थे…बहुत कम लोगों को पता होगा कि कश्मीर सरकार और रक्षामंत्रालय में एक समझौता है कि शुक्रवार(जुमे) के दिन नमाज़ियों के सामने किसी भी तरह भारतीय सुरक्षा बलों को नहीं पड़ना है…वरना भारतीय सेना या अर्ध सैनिक बलों को….पत्थर…डंडे… गाली और हेंड ग्रेनेड खाने के लिए तैयार रहना चाहिए…
बहरहाल जिप्सी सामने आते ही भयंकर पथराव शुरू हो गया…दरवाज़ा खोल कर जिप्सी में सवार दोनों, जवान और असिस्टेंड कमांडेंट यादव को पीट पीट कर मार देने की चेष्टा की गई..कुछ कश्मीरी गुंडे जिप्सी की छत पर चढ़ गए….शेष जिप्सी को पलटने की कोशिश करने लगे…ड्राइवर जवान ने साहसपूर्ण निर्णय लिया कि यदि जिप्सी पलट दी गई तो…दोनों लोगों की मौत निश्चित है..ड्राइवर जवान और असिस्टेंट कमांडेंट ने फिर भी सीज़ फायर के चलते हथियारों का प्रयोग नहीं किया….जिप्सी तेज़ी से निकालने के दौरान तीन कश्मीरी जिप्सी के नीचे आ गए…जिनमे से एक की मौत अस्पताल में हो गई…2 सीरियस हैं… ड्राइवर जवान सकुशलता से बहादुरी-पूर्वक जिप्सी बाहर निकाल ले गया….इस जवान को कम से कम ‘वीर चक्र’ जैसा कोई उत्कृष्ट इनाम मिलना चाहिए था… मग़र हुआ इसका उल्टा….
ड्राइवर जवान के खिलाफ हत्या,के प्रयास, लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने और अन्य गंभीर धाराओं के अंतर्गत पीडीपी और बीजेपी सरकार ने मुकदमा दर्ज कर लिया…सुन रहे है कि ड्राइवर जवान को संभवतः ड्यूटी से हटा दिया गया है…देशसेवा की कीमत चुकायी ड्राइवर जवान और असिस्टेंट कमांडेंट ने….केंद्र सरकार और रक्षा/ गृह मंत्रालय खामोश है….
29 जून को गृहमन्त्री श्रीनगर जा रहे हैं, जहां हुर्रियत के साथ बातचीत का एजेंडा तैयार किया जाएगा…आज घाटी में 4 जगह सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड आक्रमण किये गए हैं, जिसमे कई जवान घायल हुए हैं….यही हाल रहे तो सिर्फ आर्थिक रूप से बिल्कुल मजबूर लोग ही सेना और अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती हेतु अपनी संताने भेजेंगे…..😢
– साभार पवन सक्सेना जी।

1 Comment

1 Comment

  1. हर्ष गुप्ता

    April 18, 2020 at 2:15 pm

    नमस्ते,
    आदरणीय सुशील पंडित जी का ईमेल आईडी देने का सहयोग करें। पुनरुत्थान विद्यापीठ, अहमदाबाद, गुजरात।

    राधा हर्ष गुप्ता 9098800007
    केंद्र संयोजक
    पुनरुत्थान विद्यापीठ

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