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भारत विश्व भाग्य विधाता बनेगा?

विश्व का नेतृत्व अब धीरे धीरे यूरोप व अमेरिका के हाथों से निकलकर एशिया की ओर आ रहा है, इसमें भारत की एक बहुत बड़ी भूमिका होगी। यदि नरेन्द्र मोदी पूर्ण बहुमत से एक बार और भारत के प्रधानमंत्री बन जाएँ तब भारत विश्व की एक बहुत बड़ी शक्ति बनने और विश्व के नेतृत्व में बहुत अधिक सफल हो सकता है। विश्व का भावी नेतृत्व भारत और चीन ही करेंगे। पर इसमें भारत की भूमिका अधिक होगी।

भारत सरकार की सऊदी अरब के साथ वर्तमान विदेश-नीति लगभग पूरी तरह सफल रही है। ये पंक्तियाँ मैं इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि मुझे वस्तुस्थिति का बहुत कुछ पता है। सऊदी अरब की वहाबी विचारधारा भारत के लिए बहुत अधिक धातक रही है। सऊदी अरब के शासकों को इस बात का अहसास कराना और भारत के प्रति उनकी सोच और अवधारणा को बदलवाना बहुत आवश्यक था, जिसमें भारत काफी सफल रहा है।

ईरान, सऊदी अरब और इजराइल के साथ संतुलन बनाये रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें भारत सफल रहा है। ये तीनों देश एक दूसरे के परम शत्रु हैं, पर भारत के सम्बन्ध तीनों के साथ अच्छे हैं।

भारत में सऊदी अरब से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिये बहुत अधिक धन आता था जिसे बंद कराने में भारत को बहुत अधिक सफलता मिली है। वहाँ की जेलों में ८५० से अधिक भारतीय सड़ रहे थे जिनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। उन सब को मुक्त कराने में भारत सफल रहा है। पहले पाकिस्तान को सऊदी अरब आँख मींच कर धन देता था, पर अब पाकिस्तान को वहाँ से सिर्फ भिखारी का हिस्सा ही मिलता है। पकिस्तान का प्रधानमंत्री वहाँ भीख मांगने नंगे पैर बिना जूते पहिने गया था, उस के कारण ही वहाँ से पाकिस्तान को धन मिला है। पर भारत के प्रधानमंत्री को उन्होंने अपना उच्चतम नागरिक सम्मान दिया है। अब आतंकवाद के विरुद्ध भी सऊदी अरब, भारत के साथ सहयोग करने के लिए सहमत हो गया है। यह एक बहुत बड़ी सफलता है। यमन और सऊदी अरब के मध्य एक युद्ध चल रहा था जिस से यमन में काम कर रहे हज़ारों भारतीयों की जान को खतरा था। सऊदी अरब यमन पर लगातार हवाई हमले कर रहा था जिसके कारण भारतीयों को वहाँ से सुरक्षित निकालना असम्भव था। भारत के अनुरोध पर सऊदी अरब ने तब तक के लिए युद्ध स्थगित कर दिया था जब तक कि अंतिम भारतीय को वहाँ से सुरक्षित नहीं निकाल लिया गया। यह भारत की एक बहुत बड़ी सफलता थी।

ऐसे ही पकिस्तान के विरुद्ध ईरान और अफगानिस्तान को खड़ा करना भारत की एक कूटनीतिक सफलता है। भारत के पकिस्तान के साथ हुए युद्धों में ईरान ने सदा पाकिस्तान का साथ दिया था पर अब ईरान और पकिस्तान में शत्रुता उत्पन्न हो गयी है। अफगानिस्तान भी अब पाकिस्तान के विरुद्ध खुल कर भारत के साथ है।

दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश चीन से स्वयं को असुरक्षित अनुभूत करते हैं। वहाँ अमेरिका और चीन के मध्य एक वर्चस्व का संघर्ष चल रहा है। भारत ने अमेरिका और चीन के मध्य भी एक संतुलन बनाए रखने में सफल प्राप्त की है जो एक बहुत ही कठिन कार्य है। दक्षिण-पूर्व एशिया के देश भी भारत से अब मित्रता बनाए रखना चाहते हैं।

भारत का शक्तिशाली होना बहुत आवश्यक है जिसके लिए भारत में एक राष्ट्रवादी सरकार और कुशल नेतृत्व का होना अपरिहार्य है। आशा करता हूँ कि भारत के लोग अब जातिवादी सोच और कुछ अनैतिक लाभों की कामना से ऊपर उठ कर एक विराट दृष्टिकोण से सोचना आरम्भ करेंगे।

विजय तो भारत की ही होगी क्योंकि भगवान की अब पूरी कृपा भारत पर है| भारत विजयी होगा और विश्व का नेतृत्व करेगा।

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

– कृपा शंकर

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