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अटल बिहारी वाजपेई जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है।

हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।

लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?”

अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति।

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं अपितु जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है।हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं। दिल्ली इसका दिल है, विन्ध्याचल कटि है, नर्मदा करधनी है, पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघाएं हैं, कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है।

पावस के काले-काले मेघ इसके कुंतल केश हैं, चांद और सूरज इसकी आरती उतारते हैं, मलयानिल चंवर घुलता है। यह वन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है, इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है। हम जिएंगे तो इसके लिए मरेंगे तो इसके लिए।

हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा ….

काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ !!

श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी अमर रहे !!!!

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